प्रतिरोध

मैं हैरान हूँ
मेरे कैलेण्डर से कुछ साल गायब हैं
पता नहीं चोरी हुई, लूट हुई या मैं खुद ही कहीं भूल आया
पूरे के पूरे साल गायब हैं
एक भी हफ्ता नहीं, एक भी दिन नहीं
एक भी कहानी नहीं, एक भी किस्सा नहीं
सबकुछ गायब है
और अब जब मुझे मालूम पडा है
मैं पीछे जाकर ढूढना चाहता हूँ कुछ दूर
कुछ दूर क्या सदियों पीछे जाना पड़े तो भी चला जाऊं
पर वक्त मेरा रास्ता रोके खडा है
वो कुछ नहीं सुनता
बार बार मुझे वन वे वाला बोर्ड दिखाता है
वो मुझे धक्का देकर खींचता है आगे
और इस बीच सड़क पर गड़े मेरे पाँव के पंजे निशान बनाते चले जाते हैं
मुझे मालूम है मैं कभी वक्त से नहीं जीत पाउँगा
पर मुझे उम्मीद है की वो खोये हुए साल भी मुझे तलाश रहे होंगे
और जब वो मुझे ढूँढने निकलेंगे
ये निशान उन्हें मेरा रास्ता बताएँगे
इसीलिये सब जानकर भी मैं ये प्रतिरोध बंद नहीं करता
दरअसल, ये निशान ही अब मेरी आख़िरी उम्मीद हैं.