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सूरज के डूबने में
परछाई छूटने में
तारों के टूटने में
बादलों के रूठने में
झीलों के सूखने में
काटों को चूमने में
मिलने में छूटने में
आसुओं के फूटने में
फसलों के डूबने में
रोशनी के हारने में
और जोर मारने में
अंत को पुकारने में.
परछाई छूटने में
तारों के टूटने में
बादलों के रूठने में
झीलों के सूखने में
काटों को चूमने में
मिलने में छूटने में
आसुओं के फूटने में
फसलों के डूबने में
रोशनी के हारने में
और जोर मारने में
अंत को पुकारने में.

Categories:
poetry